Friday, October 16, 2015

ये संचार-माध्यम भी आजकल कमाल करता है ...


ये संचार-माध्यम भी आजकल कमाल करता है ,
कभी मोदी ,
कभी केजू ,
तो कभी राहुल बाबा से सवाल करता है ...

करोड़पति के घपले छोड़,
सौ टके पे बवाल करता है...
अंधे को लूला , लूले को लंगड़ा,
और लंगड़े को बेहाल करता है ...

और जहाँ कोई क्रांतिकारी पैदा हुआ नहीं,
कि उसकी नीयत पे सौ सौ सवाल करता है ...
बैताल को बिक्रम और बिक्रम को बैताल करता है ...
लहू को बेरंग और नीर को फिर लाल करता है ...
जी हाँ हुज़ूर ये संचार माध्यम भी कमाल करता है ...

जी हाँ हुज़ूर ये संचार माध्यम ,
कभी तिल का ताड़ तो कभी बाल की खाल करता है ...
बिके हुए लोगों के खड़ी मिसाल करता है ...
सत्य को असत्य और असत्य को मालामाल करता है ...
कभी दाल में काला और कभी काले में दाल करता है ...
जी हाँ हुज़ूर ये संचार माध्यम भी कमाल करता है ...

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